संस्थान के उद्देश्य

1. भारत की प्राच्य विद्या की परम्परा में प्रकृति तथा पृथ्वी पर मानव सृष्टि का इतिहास सिद्धान्त रूप में निबद्ध है। जो 197 करोड़ वर्ष के इतिहास की चर्चा करता है। भारतीय इतिहास शोध पद्धति के आधार पर उसका शोध व लेखन करना।
2. भारत का गौरवशाली इतिहास, युगों एवं मन्वन्तरों की वैज्ञानिक कालगणना के आधार पर विभाजित है। वर्तमान में महाभारत काल को विभाजक रेखा के रूप में निश्चित किया गया है। अतः संस्थान द्वारा निर्मित ‘दिशा-निर्देश’ के आधार पर सत्यपरक शोध करना।
3. इतिहास लेखन संस्कारक्षम, संस्कृति का संवर्धक, धर्म का पोषक तथा राष्ट्रीय जीवन दर्शन के सर्वपक्षों पर आधारित होना अपेक्षित है। भारतीय इतिहास परम्परा के आधार पर उस का प्रचार प्रसार करना।
4. साम्राज्यवादी एवं विखण्डनकारी विचारधारा के सिद्धान्तकारों ने भारत की इतिहास परम्परा को विकृत किया है। पुनर्लेखन के माध्यम से सत्य परक साक्ष्यों के आधार पर भारत के गौरवशाली इतिहास का लेखन करना।
5. सभ्यता, संस्कृति और इतिहास बोध करवाने वाली ग्रामीण परिवेश की विषयवस्तुओं का संरक्षण व लेखन।